भारतीय भूगोलवेत्ताओं द्वारा भारत का जलवायु वर्गीकरण
भारतीय भूगोलवेत्ताओं द्वारा भारत का जलवायु वर्गीकरण;दस जलवायु प्रदेश के बारे में वर्णन।
सामान्य परिचय:
- विदेशी भूगोलवेत्ताओं द्वारा भारत के जलवायु के संबंध में कई वर्गीकरण प्रस्तुत किया गया था।
- लेकिन इन सभी जलवायु वर्गीकरण में सबसे बड़ी कमी यह थी कि उन्होंने भारत के जलवायु प्रदेशों को बहुत संक्षेप में प्रस्तुत किया।
- जबकि भारत में कई प्रकार की जलवायु विशेषता पायी जाती है।
- विदेशी विद्वानों में प्रमुखतः कोपेन और ट्रिवार्था का वर्गीकरण प्रसिद्ध है।
भारतीय भूगोलवेत्ताओं ने भारत को 10 प्रमुख जलवायु विभागों में बांटा है जो निम्न है-
1. अति आर्द्र उत्तर-पूर्वी प्रदेश-
- इस प्रकार की जलवायु दशा भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में देखने को मिलती है, यहां की जलवायु आर्द्र अर्थात् नमी युक्त होती है।
- यहां बारिश का कालखंड बहुत लंबा होता है, यहां वर्षा बंगाल की खड़ी वाली मानसून शाखा से होती है।
- यहां विश्व की सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र मेघालय के चेरापूंजी और मासिनराम स्थित है जहां वार्षिक वर्षा लगभग 1087 सेंटीमीटर तक होती है।
- शीत ऋतु में तापमान 15°C तक नीचे चला जाता है तथा ग्रीष्म ऋतु में तापमान 27°C से 34°C तक रहता है।
- इससे इस क्षेत्र की जलवायु का अंदाजा लगाया जा सकता है।
- इनमे भारत के कुल 8 राज्य शामिल है-
- सिक्किम
- अरुणाचल प्रदेश
- असम
- मेघालय
- नागालैंड
- मणिपुर
- मिजोरम
- त्रिपुरा
2. आर्द्र सह्याद्री एवं पश्चिम तटीय प्रदेश-
- इसमें भारत के पश्चिम तटीय क्षेत्र आते है।
- यहां औसत वार्षिक वर्षा लगभग 200 सेंटीमीटर तथा तापमान 24°C 30°C तक रहता है।
- इनमे भारत के निम्न तटीय राज्य आते है-
- महाराष्ट्र के पश्चिम तटीय क्षेत्र
- गोवा के पश्चिम तटीय क्षेत्र
- कर्नाटक के पश्चिम तटीय क्षेत्र
- केरल के पश्चिम तटीय क्षेत्र
3. आर्द्र दक्षिण-पूर्वी प्रदेश-
- यहां औसत वार्षिक वर्षा लगभग 100 से 200 सेंटीमीटर तक होती है।
- जुलाई-अगस्त का औसत तापमान लगभग 28°C तथा दिसम्बर-जनवरी का औसत तापमान लगभग 20°C तक रहता है।
- इस प्रकार की जलवायु में भारत निम्न राज्य आते है-
- झारखंड (छोटा नागपुर पठारीय क्षेत्र)
- पश्चिम ओडिशा
- पश्चिम बंगाल
- छत्तीसगढ़
- पूर्वी मध्य प्रदेश
4. उपार्द्र संक्रमण प्रदेश-
- इस जलवायु वाले प्रदेश में पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर बिहार आते है।
- यहां बंगाल की खड़ी से आने वाली मानसून से बारिश होती है।
- वार्षिक वर्षा का औसत लगभग 100 से 200 सेंटीमीटर है।
- तापमान जुलाई में 30°C और जनवरी में 18°C तक रहता है।
5. उपार्द्र पूर्वी-तटीय प्रदेश-
- इस प्रदेश में पूरे भारत से एक अलग ही जलवायु विशेषता पायी जाती है।
- यह दक्षिणी-पश्चिम मानसून से मई से सितंबर तक काफी कम बारिश होती है (50 सेंटीमीटर से कम) और नवम्बर एवं दिसम्बर में भी वर्षा होती है (50 सेंटीमीटर से थोड़ी अधिक)।
- मई महीने में औसत तापमान लगभग 23°C और जुलाई में 24°C तक रहता है।
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जलवायु वर्गीकरण: भारतीय भूगोलवेत्ता |
6. उपार्द्र आंतरिक प्रदेश-
- इस जलवायु प्रदेश में भारत के गंगा के उत्तरी मैदान और राजधानी दिल्ली के क्षेत्र आते है।
- यह भाग समुद्र तट से दूर होने के कारण जलवायु दशा विषम पायी जाती है।
- मई महीना अत्याधिक गर्म रहता है ( औसतन 32°C) और सबसे ठंडा महीना दिसम्बर जनवरी रहता है ( औसतन 7°C)।
- इस प्रदेश में वार्षिक तापान्तर अधिक होता है अर्थात् ग्रीष्म ऋतु में अधिकतम तापमान 40°C से 45°C तक पहुंच जाता है जबकि शीत ऋतु में तापमान न्यूनतम 6°C से 7°C तक रहता है।
- औसत वार्षिक वर्षा लगभग 60 से 100 सेंटीमीटर तक होती है।
- शीत ऋतु में चक्रवती हवाओं से यहां बारिश होती है।
7. आर्द्र-शुष्क उष्ण कटिबंधीय प्रदेश-
- यह प्रदेश पश्चिमी घाट के वृष्टिछाया वाले क्षेत्र में आता है।
- इसलिए यहां वर्षा की मात्रा कम और अनियमित होती है।
- मई-जून में औसत तापमान 32°C और दिसम्बर-जनवरी में औसत तापमान 21°C रहता है।
- इनमे भारत के निम्न राज्य आते है-
- पश्चिमी आंध्र प्रदेश
- महाराष्ट्र
- तमिलनाडू का आंतरिक भाग
8. अर्द्ध-शुष्क उपोष्ण कटिबंधीय प्रदेश-
- यह प्रदेश समुद्र तट से बहुत दूर है इसलिए यहां महाद्वीपीय जलवायु पायी जाती है।
- गर्मियों में यह क्षेत्र अत्याधिक गर्म और शीत काल में अत्याधिक ठंड रहती है।
- ग्रीष्मकाल में औसत तापमान 28°C और शीतकाल में 12°C से 17°C तक रहता है।
- यहां ज्यादातर बारिश ग्रीष्म ऋतु में होती है, कुछ वर्षा शीत ऋतु में चक्रवातों से होती है।
- इस जलवायु प्रदेश में भारत निम्न राज्य शामिल है-
- पंजाब
- हरियाणा
- पूर्वी राजस्थान
- उत्तरी मध्य प्रदेश
9. अर्द्ध-शुष्क प्रदेश-
- इस जलवायु प्रदेश में संपूर्ण राजस्थान, कच्छ, पश्चिम हरियाणा का भाग आता है।
- यहां मरुस्थलीय जलवायु पायी जाती है।
- ग्रीष्म ऋतु में तो बहुत ज्यादा गर्मी और शीत ऋतु में कठोर ठंड पड़ती है।
- औसत वार्षिक वर्षा 25 सेंटीमीटर तक होती है।
10. पश्चिम हिमालय प्रदेश-
- इस जलवायु प्रदेश में भारत के पर्वतीय क्षेत्र आते है जिनमे हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पंजाब के पर्वतीय भाग शामिल है।
- घाटियों में तापमान ग्रीष्म ऋतु में ज्यादा होता है लगभग 32°C से 38°C तक।
- वहीं ऊंचे स्थानों में जैसे नैनीताल, शिमला, मसूरी में तापमान कम होकर 18°C से 23°C तक हो जाती है।
- शीत ऋतु में तापमान शून्य से सात डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
- यहां वर्षा मानसून हवाओं के पर्वत में टकराने से होता है।
- शीत ऋतु में वर्षा हिमपात के रूप में होती है।
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