भूमिका:
- जनसंख्या वृद्धि केवल भारत में ही नहीं अपितु विश्व के लगभग सभी देशों में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है।
- DataCommons.org के अनुसार विश्व की जनसंख्या 2021 में लगभग 7.89 अरब तक जा चुकी है।
- ऐसा अनुमान है इस शताब्दी के अंत तक जनसंख्या 20 अरब के पार पहुंच सकती है।
- ऐसे में मानवीय जनसंख्या और संसाधनों के बीच काफी असंतुलन की स्थिति निर्मित हो सकती है।
- भारत में भी जनसंख्या वृद्धि दर काफी अधिक है यहां 2001-2011 के मध्य 17.64% की दशकीय वृद्धि दर्ज की गई थी।
- भारत में 1901 से 2011 तक के दशकीय वृद्धि को निम्न सारिणी से समझा जा सकता है-
वर्ष |
जनसंख्या (करोड़) |
दशकीय वृद्धि दर (%) |
1901 |
23.83 |
----- |
1911 |
25.20 |
5.75 |
1921 |
25.13 |
-0.31 |
1931 |
27.89 |
11.00 |
1941 |
31.86 |
14.22 |
1951 |
36.10 |
13.31 |
1961 |
43.92 |
21.64 |
1971 |
54.81 |
24.80 |
1981 |
68.33 |
24.66 |
1991 |
84.39 |
23.87 |
2001 |
102.70 |
21.54 |
2011 |
121.01 |
17.64 |
- सबसे कम वृद्धि दर या कहा जाए कि ऋणात्मक दर 1921 में दर्ज की गई थी।
- इसके बाद तीन दशक 1931,1941,1951 तक धनात्मक वृद्धि दर देखी गई लेकिन यह उतनी अधिक नहीं थी जितनी की इसके बाद दशकों में देखी गई।
- इसके बाद के दशक में 1961 से 2001 तक जनसंख्या वृद्धि दर 20% से अधिक होने लगी।
- यह दशक अधिक वृद्धि वाला कहा जा सकता है।
2011 में यह थोड़ी कम होकर 17.64% रही।
- इससे और अधिक स्पष्ट रूप में समझा के लिए हमने ग्राफ से 1911 से 2011 तक के प्रत्येक दशकों प्रदर्शित किया है-
|
भारत में जनसंख्या वृद्धि के दशकीय आंकड़ों का ग्राफ |
भारत में राज्यवार जनसंख्या वृद्धि दर:
भारत के राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर को समझने के लिए हमने सबसे पहले खंड में सर्वाधिक वृद्धि दर वाले 10 राज्यों को रखा है, जिसके आंकड़े (2011) निम्न प्रकार से है-
क्रमांक |
राज्य |
वृद्धि दर (%) |
1. |
मेघालय |
27.85 |
2. |
अरुणाचल प्रदेश |
25.92 |
3. |
बिहार |
25.07 |
4. |
जम्मू-कश्मीर |
23.71 |
5. |
मिजोरम |
22.78 |
6. |
छत्तीसगढ़ |
22.59 |
7. |
झारखंड |
22.34 |
8. |
राजस्थान |
21.44 |
9. |
मध्य प्रदेश |
20.30 |
10. |
उत्तर प्रदेश |
20.09 |
- भारत के सभी राज्यों में से सबसे अधिक वृद्धि दर मेघालय में है।
- इसके कई कारण हो सकते है वरन् वहां जन्म दर अधिक होना सामाजिक, सांस्कृतिक कारण भी हो सकते है।
- यहां 2001-2011 के दशक में जनसंख्या वृद्धि दर 27.82% रही थी।
- इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, बिहार, जम्मू कश्मीर, मिजोरम, और छत्तीसगढ़ छठवें स्थान पर है।
- सभी राज्यों की जनसंख्या वृद्धि दर ऊपर तालिका में दिया गया है।
इसके बाद के राज्यों में वृद्धि दर अधिक है जिसमे हमने पुनः 10 राज्यों को रखा है-
क्रमांक |
राज्य |
वृद्धि दर (%) |
11. |
हरियाणा |
19.90 |
12. |
गुजरात |
19.17 |
13. |
उत्तराखंड |
19.17 |
14. |
मणिपुर |
18.65 |
15. |
असम |
16.93 |
16. |
महाराष्ट्र |
15.99 |
17. |
कर्नाटक |
15.67 |
18. |
तमिलनाडू |
15.60 |
19. |
त्रिपुरा |
14.75 |
20. |
ओड़िशा |
13.97 |
- इन राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर 13-20 के मध्य है।
- हरियाणा वृद्धि दर में 11 स्थान पर है।
- यहां दर 19.90% है। इसके बाद में गुजरात और उत्तराखंड का स्थान है।
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इसके बाद के 8 राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर मध्य और कुछ में बहुत कम है, इसके आंकड़े निम्न प्रकार से है-
क्रमांक |
राज्य |
वृद्धि दर (%) |
21. |
पश्चिम बंगाल |
13.93 |
22. |
पंजाब |
13.73 |
23. |
हिमाचल प्रदेश |
12.81 |
24. |
सिक्किम |
12.36 |
25. |
आंध्र प्रदेश |
11.10 |
26. |
गोवा |
8.17 |
27. |
केरल |
6.23 |
28. |
नागालैंड |
0.47 |
- सबसे कम वृद्धि दर नागालैंड राज्य का है यहाँ केवल 0.47% प्रति दशक की दर से जनसंख्या बढ़ रही है।
- पश्चिम बंगाल 21वें स्थान पर है जनसंख्या वृद्धि दर के अनुसार इसके अतिरिक्त पंजाब, हिमाचल प्रदेश सिक्किम आदि राज्य आते है।
केंद्र शासित प्रदेशों में वृद्धि दर-
- केंद्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या वृद्धि दर अत्याधिक है।
- यहां 50% से भी अधिक की दर से जनसंख्या बढ़ रही है।
- 2011 के अनुसार 7 केंद्र शासित प्रदेशों में वृद्धि दर निम्न प्रकार से है-
क्रमांक |
राज्य |
वृद्धि दर (%) |
1. |
दादर एवं नगर हवेली |
55.50 |
2. |
दमन एवं दीव |
53.54 |
3. |
पुदुचेरी |
27.72 |
4. |
दिल्ली |
20.96 |
5. |
चंडीगढ़ |
17.10 |
6. |
अंडमान निकोबार द्वीपसमूह |
6.68 |
7. |
लक्षद्वीप |
6.23 |
- आंकड़ों से स्पष्ट है कि केंद्र शासित प्रदेश दादर एवं नगर हवेली में 55.50% की दशकीय वृद्धि दर से जनसंख्या बढ़ रही है।
- इसके अलावा दमन एवं दीव में भी 53.54% की जनसंख्या वृद्धि दर है।
- केंद्र शासित प्रदेश में सबसे कम वृद्धि दर लक्षद्वीप का है यहां 6.23% की दशकीय वृद्धि दर है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण:
भारत में जनसंख्या वृद्धि अधिक होने कई कारण है इनमे निम्न कारण प्रमुख है-
- जन्म दर, यह भारत में जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण है।
- वर्ष 1921 के पूर्व भारत में जन्म दर अधिक थी, और मृत्यु दर भी अधिक थी, इसलिए इस कालखंड में जनसंख्या वृद्धि दर काफी स्थिर थी।
- वर्ष 1991 में जन्म दर कम रही, लेकिन मृत्यु दर इसके अनुपात बहुत कम थी इसलिए जनसंख्या तेजी से बढ़ती रही।
- 2011 में जन्म दर लगभग 23.9% हो गई जिसके कारण जनसंख्या में काफी अधिक वृद्धि देखी गई।
- मृत्यु दर, जन्म दर की तरह मृत्यु दर भी जनसंख्या में वृद्धि होने का प्रमुख कारण है।
- मृत्यु दर से तात्पर्य प्रति हजार व्यक्तियों पर एक साल में मरने वाले व्यक्तियों को संख्या से है।
- भारत में वर्ष 1921 में मृत्यु दर लगभग 47.2 थी, जो 2001 से 2011 के दशक में लगभग 8.5 हो गई अर्थात् 35.5% घट गई इससे जनसंख्या वृद्धि दर अधिक हो गई।
- शिशु मृत्यु दर में कमी, वर्तमान में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार से शिशु मृत्यु दर काफी कमी आई है इससे भी जनसंख्या दर में वृद्धि हुई है।
- 1985 में शिशु मृत्यु दर 89 प्रति हजार थी जो 2011 में 55 (अनुमानित) हो गई।
- जीवन प्रत्याशा में वृद्धि, इसमें वृद्धि होने से भी जनसंख्या वृद्धि दर में बढ़ोत्तरी होती है।
- जो जीवन प्रत्याशा 1921 और 1991 में क्रमशः 20 और 59 थी, वह 2011 में 65.48 हो गई इससे स्पष्ट है कि जनसंख्या वृद्धि दर बढ़ने के कई कारणों में से यह भी एक है।
- अन्य कारण, अन्य कारणों में प्रवास, गरीबी, परिवार नियोजन का अभाव, मनोरंजन साधनों का अभाव, सामाजिक प्रथा, रूढ़िवाद आदि भी है।
जनसंख्या वृद्धि को रोकने के उपाय:
- शिक्षा का प्रसार, भारत में शिक्षा सुविधाओं का अभाव है।
- विशेष रूप से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की दर काफी कम है।
- शिक्षा की कमी के कारण सरकार द्वारा चलाए गए जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम अधिक सफल नहीं हो पाते है।
- इससे जनसंख्या नियंत्रण के प्रति लोगो की जागरूकता में कमी आती है।
- अतः शिक्षा का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार होना बहुत ही आवशयक है, तभी जनसंख्या नियंत्रण के प्रति लोग जागरूक होंगे।
- संतानोत्पत्ति की संख्या का निर्धारण, इसका निर्धारण वर्तमान समय की मांग है।
- भारत अब तक इसकी संख्या के निर्धारण के संबंध में कोई विशेष विकास नहीं हुआ है।
- एक परिवार में संतानोत्पत्ति की आदर्श संख्या दो मानी जाती है।
- यदि इस पर कोई नियंत्रण नहीं होगा तो न सिर्फ देश की जनसंख्या अत्याधिक होगी बल्कि बच्चों के सही पालन पोषण भी नही हो पाएगा।
- अतः भारतीय समाज को यह समझना होगा कि वह संतानोत्पत्ति की संख्या पर विशेष ध्यान दें।
- परिवार नियोजन, जनसंख्या की अत्याधिक वृद्धि को रोकने के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम को जन आंदोलन के रूप लाना होगा।
- तभी परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरूकता आएगी।
- विवाह की आयु में वृद्धि, विवाह की आयु में वृद्धि होना आवश्यक है।
- पहले विवाह की आयु लड़कियों की 18 वर्ष थी लेकिन अब 21 हो गई है।
- लेकिन इसमें समस्या यह है कि यह आयु सामाजिक स्तर पर लागू नहीं हो पाती है और नियम केवल कागजी रह जाते है।
- अतः आवशायक है कि इससे पूरी तरह से लागू किया जाए।
- अन्य उपाय, सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान देना, चिकित्सा और मनोरंजन के साधनों का विकास करना आदि है।