सामान्य परिचय:
- भारत की झीलों के बारे में जानने से पूर्व, यह जानना आवश्यक है कि झीलें क्या होती है? यह कैसे बनती है?
- झीलें दो तरह की होती है पहला प्राकृतिक रूप से बनी झीलें और दूसरा कृत्रिम झीलें।
- प्राकृतिक झीलें, वह है जो भौतिक दशाओं के परिणामस्वरूप बनती है जैसे यदि किसी नदी के मार्ग में गहरा गड्ढा आ जाए और नदी बहते हुए अपना जल उसमे भर दे तो वह झील का रूप ले लेती है।
- ऐसे ही समुद्र तट के किनारे सागरीय लहरों द्वारा बनाया गया झील जिसे लैगून झील कहते है यह भी एक प्राकृतिक घटना का परिणाम है।
- इसी प्रकार प्राकृतिक झीलों के बनने के कई उदाहरण है।
- कृत्रिम झीलें, ये मानव के द्वारा बहुउद्देशीय कार्यों के लिए बनाई जाती है।
- विशेष रूप से नदी के जल को रोकने के लिए बांध का निर्माण किया जाता है जिससे ठहरा हुआ जल फैलकर झील का रूप ले लेती है।
- झीलों का हमारे पर्यावरण, पारिस्थितिक तंत्र, जीव जंतुओं और मानव जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है।
भारत की प्रमुख झीलें:
1. सांगेत्सर झील (अरुणाचल प्रदेश)-
- सांगेत्सर झील अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले से लगभग 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक बहुत ही खूबसूरत झील है।
- इसे सांगेत्सर त्सो (ध्यान रहे कि त्सो एक तिब्बती भाषा का एक शब्द है जिसका हिंदी अर्थ झील होता है) के नाम से भी जाना जाता है।
- यह झील लगभग 5,030 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
- इस झील की सबसे खास बात यह है कि इतनी अधिक ऊंचाई पर होने के बाद भी शीत ऋतु के समय हिमपात होने से इस झील का जल पूर्ण रूप से नही जमता है।
- इसके अलावा ग्रीष्म काल झील का जल पर्याप्त बना रहता है अर्थात् सूखता नही है।
2. चंदुबी झील (असम)-
- १२ जून १८९७ में आये भूकंप के समय वनों के नीचे दबने से बना झील जो असम के कामरूप जिले स्थित है।
- इस झील की स्थिति को और अच्छे से समझना है तो यह जाना आवश्यक है कि यह झील असम और मेघालय की सीमा के मध्य जो गारो पहाड़ी है वही यह झील स्थित है।
- मछली पकड़ने/ उत्पादन के कारण यह झील आर्थिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है।
- झील के आसपास के लोग/ निवासी चांगदूबी उत्सव मनाते है जो जनवरी माह में होता है और पूरे देश से इसे देखने पर्यटक आया करते है।
3. उमियम झील (मेघालय)-
- यह झील राजधानी शिलांग से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर खूबसूरत पहाड़ियों के मध्य स्थित है।
- इस झील की विशेष बात यह है कि इसका निर्माण 1960 के दशक में उमियम नदी को को बांध कर किया गया था।
- यह झील और बांध लगभग 220 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत है।
- सामान्यतः इससे बारापानी के नाम से भी जाना जाता है।
4. तमदिल झील (मिजोरम)-
- यह झील मिजोरम की राजधानी आइजोल से लगभग 87 किलोमीटर की दूरी पर सैतुअल गांव में स्थित है।
- तमदिल का शाब्दिक अर्थ "सरसों का पौधा" होता है।
- इस झील पर मछलीपालन का व्यवसाय होता है। साथ ही पर्यटन के लिए भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है और इसे देखने देश दुनिया से लोग आते है।
5. लोकटक झील (मणिपुर)-
- लोकटक झील मणिपुर राज्य में स्थित एक सुंदर और विश्व प्रसिद्ध झील है।
- यह लगभग 280 वर्ग किलोमीटर में फैला क्षेत्र है।
- यह झील मणिपुर के चुडाचांदपुर जिले में स्थित है।
- इस झील की सबसे विशेष बात यह है कि यहां कई तैरते हुए द्वीप है जिनमे से सबसे बड़े द्वीप को "केयबुल लामजाओ" जो विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है।
- यह एक मीठे पानी का झील है, इसके जल का उपयोग जल विद्युत, सिंचाई, मत्स्य पालन आदि में उपयोग किया जाता है।
- इस दृष्टि से यह झील मणिपुर के लिए आर्थिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है।
6. शिलोई झील (नागालैंड)-
- यह झील नागालैंड के फेक जिला के समीप लुत्सम नामक स्थान पर स्थित है।
- यह नागालैंड की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है।
- यह देवदार के जंगलों से घिरी घाटी में पड़ता है।
- इसके लंबाई 450 मीटर और चौड़ाई लगभग 270 मीटर है।
7. त्सो लामो झील (सिक्किम)-
- यह झील सिक्किम राज्य के मंगन जिले में भारत-चीन की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित है।
- यह झील विश्व के प्रमुख सबसे ऊंचाई पर स्थित झीलों में से एक है, जो लगभग 6,000 मीटर की ऊंचाई पर है।
- इसी झील से सिक्किम की प्रसिद्ध नदी तीस्ता निकलती है।
- यह झील ज़ेमू ग्लेशियर , कांगत्से ग्लेशियर या पौहुनरी ग्लेशियर के जल से बना है।
- इसे चोलामू झील के नाम से भी जाना जाता है।
8. डंबूर झील (त्रिपुरा)-
- त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से लगभग 115 किलोमीटर दूर पर डंबूर झील स्थित है।
- झील का स्वरूप ताबोर के आकार के छोटे ड्रम जैसा है, जो भगवान शिव का 'डंबूर' है, जिससे 'डंबूर' नाम की उत्पत्ति हुई है।
- डंबूर झील 41 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
- यह सुंदर पहाड़ियों और हरे-भरे पेड़ पौधों के मध्य स्थित होने के कारण अत्यंत मनोहारी दृश्य देखने को मिलता है।
- यह झील आर्थिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि झील के पास ही एक जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया गया है।
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पूर्वोत्तर भारत की झीलें |
9. वुलर झील (जम्मू और कश्मीर)-
- जम्मू और कश्मीर (बांडीपोरा जिला) के उत्तरी भाग में स्थित यह झील भारत की सबसे मीठे पानी की झील है।
- इस झील की विशेष बात यह है कि इसमें जल की आपूर्ति झेलम नदी करती है अर्थात् झेलम नदी का जल इसमें मिलकर आगे निकल जाती है।
- इस झील के आकार में हमेशा परिवर्तन आते रहता है सामान्यतः इसका आकार 30 वर्ग किलोमीटर से लेकर 260 वर्ग किलोमीटर तक होता है।
- इस झील पर प्रसिद्ध तुलाबुल परियोजना बनाया गया है।
- अधिकतम लंबाई लगभग 16 किलोमीटर, अधिकतम चौड़ाई लगभग 9 से 10 किलोमीटर है।
10. पेंगोंग झील (लद्दाख)-
- यह झील भारत के लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के लेह जिले में है, और इस झील का कुछ भाग तिब्बत में भी आता है।
- ये झील लगभग 4,225 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
- यह आकार में काफी बड़ा झील है इसका विस्तार लगभग 700 वर्ग किलोमीटर में है।
- झील की लंबाई 134 किलोमीटर और चौड़ाई 5 किलोमीटर है।
- पेंगोंग त्सो भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
11. गोविंद सागर झील (हिमाचल प्रदेश)-
- हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित यह एक मानव निर्मित झील है जो सतलज नदी पर बने भाखड़ा बांध के निर्माण के कारण बनी है।
- झील का नाम सिख धर्म के दशम गुरु, गुरु गोविंद सिंह के पर रखा गया है।
- गोविंद सागर झील पर्यटन और कृषि कार्य के लिए महत्वपूर्ण है।
- इस जलाशय की लंबाई लगभग 56 किलोमीटर और 3 किलोमीटर है।
12. हरिके झील (पंजाब)-
- हरिके झील एक मीठे पानी की झील है जो पंजाब के तरनतारन साहिब जिले और फिरोजपुर जिले की सीमा पर स्थित है।
- लगभग यह 4100 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है।
13. नैनीताल झील (उत्तराखंड)-
- नैनीताल एक प्रकृतिक और खूबसूरत झील है जो उत्तराखंड में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 48.76 हेक्टेयर में फैला है तथा इसकी चौड़ाई 457 मीटर है।
- नैनीताल पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध स्थान है।
- यहां प्रति वर्ष लगभग 3 से 4 लाख पर्यटक आते है। यह आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है।
14. भीमताल (उत्तराखंड)-
- आकार में त्रिभुजाकार ये झील उत्तराखंड के काठगोदाम से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- इसकी लंबाई 1674 मीटर, चौड़ाई 447 मीटर है इसके अलावा झील को गहराई लगभग 15 से 50 मीटर तक है।
- झील की एक विशेषता जो हर पर्यटक को आकर्षित करती है, वह है इसकी खूबसूरत घाटियां और झील के मध्य टापू का होना।
- इस टापू पर जाने के लिए नाव पर चढ़ना पड़ता है जो काफी रोमांचक है।
- भीमताल उपयोगी झील भी है।
- इसके कोनों से दो-तीन छोटी - छोटी नहरें निकाली गयीं हैं, जिनसे खेतों में सिंचाई होती है।
15. दमदमा झील (हरियाणा)-
- ये झील हरियाणा के गुरुग्राम के पास सोहना नमक स्थान पर स्थित है।
- यह झील मानव निर्मित है, जिसका निर्माण अंग्रजों ने वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए बनाया गया था।
- वर्तमान में पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन है।
- इसमें जल का स्तर लगभग 40-50 फीट के मध्य रहता है।
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उत्तर भारत की झीलें |
16. साम्भर झील (राजस्थान)-
- साम्भर झील एक खरे पानी की झील है जो राजस्थान के जयपुर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- इस झील का आकार मौसम के अनुसार छोटा और बड़ा होते रहता है, दूसरे शब्दों में जब वर्षा ऋतु का समय होता है तब इस झील का आकार बढ़ जाता है।
- सामान्यतः इसका आकार 190 से 230 वर्ग किलोमीटर तक रहता है।
- इसमें चार नदियाँ- रुपनगढ,मेंथा,खारी,खंड़ेला आकर गिरती हैं।
- साम्भर झील नमक के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है।
17. बरुआ सागर ताल (उत्तर प्रदेश)-
- बरुआ सागर ताल उत्तर प्रदेश के झांसी के समीप स्थित एक कृत्रिम जलाशय है।
- इसका निर्माण अनुमानतः आज से लगभग 260 वर्ष पूर्व हुआ था।
- यहां ग्रेनाइट से बने दो पुराने चंदेला मंदिरों के खंडहर झील के उत्तर-पूर्व में हैं।
- प्राचीन समय से इसको घुघुआ मठ कहा जाता है।
- निकटवर्ती गुप्तकालीन मंदिर है जिसे जराई-का-मठ कहा जाता है।
- इस प्रकार इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण इस झील को बहुत से पर्यटक देखने के लिए आते है।
18. काँकरिया झील (गुजरात)-
- काँकरिया झील गुजरात की सबसे बड़ी झीलों में से एक है।
- इसकी आकृति वृत्ताकार है और लगभग 2.5 किलोमीटर की परिधि में फैला है।
- काँकरिया अहमदाबाद के दक्षिणी में मणिनगर के समीप स्थित है।
- यह एक कृत्रिम झील है जिसका निर्माण आज से लगभग 500 वर्ष पूर्व सुल्तान क़ुतुबुद्दीन ने करवाया था।
- इसके चारों ओर बहुत ही ख़ूबसूरत बगीचे है और इसी झील के निकट बाल वाटिका, चिड़ियाघर आदि स्थित हैं।
19. भोजताल/बड़ा तालाब (मध्य प्रदेश)-
- भोजताल या बड़ा तालाब नाम से प्रसिद्ध ये जलाशय मध्य प्रदेश के भोपाल से पश्चिम की ओर स्थित है।
- यह जलाशय वहां निवस्य लोगों के जल का प्रमुख स्रोत है, प्रति दिन लगभग 140,000 घन मीटर पानी के साथ लगभग 40% निवासियों की जल की आवश्यकता पूर्ति करता है।
- इस झील के आसपास के क्षेत्र को अद्रभूमि घोषित किया गया है। जो अब एक रामसर स्थल है।
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भारत की झीलें |
20. कावर झील (बिहार)-
- बिहार के बेगूसराय जिले स्थित कावर झील एक बड़ी और मीठे पानी की झील है।
- यह झील बेगूसराय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है।
- स्थानीय निवासी इसे काबर ताल और कनवार ताल के नाम से भी संबोधित करते है।
- यह केवल झील ही नहीं अपितु कावर पक्षी अभ्यारण्य भी है।
- यहां लगभग 207 तरह की प्रजाति के देशी पक्षी और लगभग 59 प्रजातियों के प्रवासी या विदेशी पक्षी देखे गए है।
- ये झील बिहार की सबसे बड़ी झीलों में से एक है लेकिन इसकी वर्तमान स्थिति अच्छी नहीं है इस झील में लगातार जल का स्तर कम हो रहा है।
- कई संस्थाओं द्वारा इस झील को सूखने से बचाने के लिए प्रयास हो रहा है लेकिन ये प्रयास अभी भी अपर्याप्त दिखाई दे रहे है।
21. रबींद्र सरोवर (पश्चिम बंगाल)-
- यह दक्षिण कोलकाता में स्थित एक कृत्रिम झील है।
- इस झील में 3-4 छोटे द्वीप है जो पक्षियों का बसेरा है।
- झील का आकार लंबवत है और इसमें हर मौसम पर्याप्त जल बना रहता है।
22. हजारीबाग झील (झारखंड)-
- झारखंड के हजारीबाग जिले में स्थित एक कृत्रिम झील है, जिसका निर्माण 1855 से 1860 के मध्य हुआ था।
- हजारीबाग झील विभिन्न हिस्सों पर सात भागों के साथ कृत्रिम झीलों की एक श्रृंखला है ताकि पानी एक स्पिल चैनल के माध्यम से दूसरी झील पर फैल जाए।
- हजारीबाग झील झारखंड के स्थानीय लोगों के बीच एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
23. चिलिका झील (ओडिशा)-
- चिलिका झील, इसे चिल्का के नाम से भी जाना जाता है।
- यह झील ओडिशा के समुद्र तट पर स्थित एक लैगून झील है।
- झील का कुल क्षेत्रफल लगभग 1,100 वर्ग किलोमीटर है।
- इस झील की सीमाएं ओडिशा के तीन जिलों से जुड़ी है जिनमे पुरी, खोर्धा और गंजाम जिलें है।
- यह भारत की सबसे बड़ी तटीय लैगून झील है और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी लैगून झील है।
- इसका जल अर्ध खारा है।
- चिलिका झील 70 किलोमीटर लम्बी तथा 30 किलोमीटर चौड़ी है।
- यह समुद्र का ही एक भाग है जो महानदी द्वारा लायी गई मिट्टी के जमा हो जाने से समुद्र से अलग होकर एक छीछली झील के रूप में हो गया है।
- दिसम्बर से जून तक इस झील का जल खारा रहता है किन्तु वर्षा ऋतु में इसका जल मीठा हो जाता है।
- इसकी औसत गहराई 3 मीटर है।
- यह एक विशाल मछली पकड़ने की जगह है।
- यह झील 132 गाँवों में रह रहे 150,000 मछुआरों को आजीविका का साधन उपलब्ध कराती है।
24. सतरेंगा झील (छत्तीसगढ़)-
- सतरेंगा झील छत्तीसगढ़ की ऊर्जा राजधानी कोरबा से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यह झील हसदो बांगो बांध के निर्माण के बाद जल एकत्र होने से बना है।
- सतरेंगा एक विशाल जलाशय है, इसे छत्तीसगढ़ का गोवा भी कहा जाता है।
- यह स्थान छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के लिए एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है।
- झील में कई छोटे-छोटे द्वीप बने है इससे इस झील की ओर आकर्षण और बढ़ जाता है।
- इस जलाशय के जल का उपयोग कोरबा नगर और आसपास के क्षेत्रों के सिंचाई, घरेलू उपयोग आदि के लिए होता है।
25. दलपत सागर (छत्तीसगढ़)-
- यह झील छत्तीसगढ़ के जलदलपुर में स्थित है।
- इसका निर्माण लगभग 400 वर्ष पूर्व राजा दलपत देव काकतीय कराया था।
- इसके निर्माण का प्रमुख उद्देश्य वर्षा जल का संग्रहण कर कृषि आदि कार्यों के लिए उपयोग करना था।
- वर्तमान में ये झील बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थान है।
- इस झील के बीच में एक द्वीप भी है जिसमें भगवान शिव का मंदिर है।
- इस तरह यह झील केवल प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश में प्रसिद्ध है।
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भारत की झीलें |
26. लोनर झील (महाराष्ट्र)-
- लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित है।
- इसका निर्माण आज से लगभग 5.70 लाख वर्ष पूर्व उल्का पिंड के पृथ्वी की सतह से टकराने से प्लेइस्टोसिन युग हुआ था।
- इसका क्षेत्र 1.13 वर्ग किलोमीटर तक है।
- इस झील का जल खारा है।
- वर्ष 2020 में इस झील के जल का रंग गुलाबी हो गया था जो काफी चर्चा में रहा।
27. मायेम झील (गोवा)-
- यह झील गोवा के बिचोलिम तालुका में स्थित है।
- इस राज्य की सबसे प्रसिद्ध झील है।
- लाखों पर्यटक इस झील को देखने आते है।
- झील स्वयं निचली पहाड़ियों के परिदृश्य में जंगली तटों पर स्थित है।
- यहां पक्षी जीवन प्रचुर मात्रा में है, विभिन्न प्रकार के पक्षी झील के किनारों पर अपना घर बनाते हैं। इस झील का शांत पानी नौकायन के लिए आदर्श है।
28. नागवारा झील (कर्नाटक)-
- यह झील बंगलुरु में स्थित है इसका फैलाव लगभग 44 हेक्टेयर में है।
- ये झील वहां के स्थानीय निवासी तथा आसपास के लोगों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
29. वेम्बनाड झील (केरल)-
- यह केरल राज्य की सबसे बड़ी झील है।
- यह भारत की सबसे लंबी लैगून झील है इसकी लंबाई लगभग 96.5 किलोमीटर है।
- इस झील पर एक द्वीप है जिसका नाम वेलिंगटन है यहां राष्ट्रीय नौकायन प्रतियोगिता होती है।
30. पेरियार झील (केरल)-
- यह झील केरल राज्य के इद्दुक्की जिले में स्थित है।
- पेरियार नदी पर बने इद्दुक्की बांध के कारण ये झील अस्तित्व में आया।
- यह बांध भारत का एकमात्र आर्क बांध है।
- इस पर पेरियार जलविद्युत परियोजना कार्य करती है।
31. निज़ाम सागर (तेलंगाना)-
- निज़ाम सागर तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में स्थित है।
- इस झील की उत्पति गोदावरी नदी की सहायक नदी मंजरा नदी पर बने बांध के कारण होती है।
- इसकी लंबाई लगभग 3 किलेमीटर है।
- निज़ामसागर बांध का निर्माण 1923 में तत्कालीन हैदराबाद राज्य के 7वें निज़ाम मीर उस्मान अली खान द्वारा किया गया था।
32. हुसैन सागर (तेलंगाना)-
- यह तेलंगाना राज्य के हैदराबाद में स्थित एक प्रसिद्ध झील है।
- इसका निर्माण लगभग 1562 ई. में हुआ था।
- यह मूसी नदी की सहायक नदी पर बना है।
- इसकी लंबाई 3 किलोमीटर और चौड़ाई 2.8 किलोमीटर है।
- कुल क्षेत्रफल लगभग 4.4 वर्ग किलोमीटर है।
33. कोल्लेरू झील (कर्नाटक)-
- कोल्लेरू झील भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य के कृष्णा जिले में मीठे पानी की एक झील है।
- यह एक अण्डाकार छिछली झील है।
- वर्षा ऋतु में इसका क्षेत्रफल लगभग 160 वर्ग किलोमीटर हो जाता है।
- कोलुरु झील कृष्णा नदी और गोदावरी नदी के त्रिकोण में पाई जाती है।
34. वीरनारायणपुरम झील (तमिलनाडु)-
- इसे वीरानम झील के नाम से जाना जाता है।
- यह झील तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले से लगभग 14 किलोमीटर दूर पर स्थित है।
- इसकी लंबाई 11 किलोमीटर और चैड़ाई 4 किलोमीटर है।
- इस जलाशय से ही चेन्नई शहर को जल को आपूर्ति की जाती है।
35. पुलिकत झील-
- यह झील आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की सीमाओं पर स्थित है।
- यह चिलिका के बाद भारत की दूसरी बड़ी लैगून झील है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 759 वर्ग किलोमीटर है।
- इसका बड़ा भाग आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में आता है।
- झील की लम्बाई 60 किमी और चौड़ाई 5 से 15 किमी है।
- पुलिकत झील पर पक्षी अभ्यारण्य है।
- श्रीहरिकोटा इस झील पर स्थित एक द्वीप है जिसमे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र स्थित है।
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भारत की झीलें |
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