महासागरी नितल की बनावट | Ocean floor texture
महासागरीय नितल की बनावट एवं गर्तों की जानकारी।
सामान्य परिचय-
- जिस प्रकार धरातल की आकृति समान नहीं होती उसी तरह महासागरों की तली भी एक रूप नहीं होती है।
- महासागरों में मुख्य रूप से चार स्थलाकृति पायी जाती है– महाद्वीपीय मग्न तट, महाद्वीपीय मग्न ढाल, महासागरीय मैदान, महासागरीय गर्त।
- पृथ्वी के स्थल भाग की औसत गहराई 866 मीटर है।
- परंतु महासागरों की औसत गहराई 4781 मीटर है।
महासागरों की गहराई को तालिका द्वारा समझा जा सकता है–
गहराई (मीटर) |
क्षेत्रफल (लाख²कि. मी.) |
धरातल का % |
0-180 |
160.90 |
5 |
180-900 |
112.60 |
3 |
900-1800 |
80.45 |
2 |
1800-3600 |
434.43 |
15 |
3600-5500 |
1303.29 |
41 |
5500-अधिक |
150.90 |
5 |
महासागरीय तल के प्रमुख चार भाग है-
|
महासागरीय नितल की बनावट |
1. महाद्वीपीय मग्न तट-
- महाद्वीपीय मग्न तट महाद्वीप के किनारे का भाग होता है जिसे समुद्र जल स्पर्श करते है।
- इस भाग की औसत गहराई लगभग 200 मीटर तक होती है।
- इस भाग में प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम की प्रधानता होती है।
- यह संपूर्ण महासागर 8.6% भाग पर है।
- प्रशांत महासागर में 6%
- अटलांटिक महासागर में 13%
- हिंद महासागर में 4% है।
2. महाद्वीपीय मग्न ढाल–
- महाद्वीपीय मग्न ढाल, महाद्वीपीय मग्न तट और मैदान के बीच का भाग है।
- इसका विस्तार महासागरों में लगभग 5 करोड़ वर्ग किलोमीटर तक है।
- यह संपूर्ण महासागर के 8.5% भाग पर है।
- प्रशांत महासागर में 7%
- अटलांटिक महासागर में 12%
- हिंद महासागर में 6.5% है।
- अलग–अलग महासागरों में महाद्वीपीय मग्न ढाल की प्रवणता भिन्न है–
- भारत के तट पर 5°-15°, स्पेन में 36°, आयरलैंड में 50°, पर्वतीय भागों में 4°5°, मैदानी भागों में 2°-3° तक है।
3. महासागरीय मैदान–
- महासागरीय तल का ज्यादातर भाग मैदानी भागों में विस्तृत है।
- पूरे महासागर का 76% भाग महासागर मैदान के रूप पाया जाता है।
- प्रशांत महासागर में 80.3% भाग पर मैदान है।
- अटलांटिक महासागर में 54.9% भाग मैदान है।
- हिंद महासागर में 80.1% भाग पर मैदान का विस्तार है।
- सागरीय मैदान निमग्न तल से काफी दूर पर होते है जिससे नदियों द्वारा लाए गए निक्षेप या मलवा वहां तक नहीं पहुंच पाते है।
- सागरीय मैदान में वनस्पति और समुद्री जीवों के हड्डी के टुकड़े भी पाए जाते है।
4. महासागरीय गर्त–
- महासागरीय मैदानों में ही कई स्थानों पर गहरे गर्त पाए जाते है।
- इनकी गहराई 5000 मीटर से अधिक होती है।
- यह महासागरों के 7% भाग पर है।
- अब तक लगभग 60 गर्तो की खोज हो चुकी।
- प्रशांत महासागर में 33
- अटलांटिक महासागर में 20
- हिंद महासागर में 7 है।
कुछ प्रमुख गर्तों के नाम नीचे तालिका में दिए गए है–
गर्त का नाम |
महासागर |
गहराई (मीटर) |
मेरियाना गर्त |
प्रशांत |
11033 |
टोंगा गर्त |
प्रशांत |
10800 |
करमाडेक |
प्रशांत |
10047 |
फिलिपिंस गर्त |
प्रशांत |
10947 |
क्यूराइल गर्त |
प्रशांत |
10542 |
न्यूहेब्राइडस |
प्रशांत |
9165 |
जापान गर्त |
प्रशांत |
8412 |
अल्युशियन |
प्रशांत |
7822 |
चैलेंजर गर्त |
प्रशांत |
10993 |
प्यूटोरिको |
अटलांटिक |
9217 |
जावा गर्त |
हिंद महासागर |
7450 |
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